रूस निर्मित बायो ट्रीटमेंट प्लांट का बिजली कनेक्शन काटा

NC Desk: ऋषिकेश आइडीपीएल में रूस द्वारा निर्मित ऐतिहासिक बायो ट्रीटमेंट प्लांट इन दिनों खासा चर्चाओं में है।
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला
रूस द्वारा बनाए इस प्लांट का उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन ने बिजली बिल का 56 करोड़ रुपए भुगतान न होने पर कनेक्शन काट दिया है, जिसके बाद से प्लांट का संचालन ठप पड़ गया है।
- इस प्लांट की खास बात यह है कि इसकी प्रतिदिन जल शोधन क्षमता 14 एमएलडी है, जबकि नमामि गंगे एसटीपी की औसतन क्षमता इसकी आधी है
- रूस ने इसे पर्यावरण के साथ ही गंगा की स्वच्छता को बनाए रखने के उद्देश्य से बनाया है
- यह प्लांट भारत – रूस की ऐतिहासिक दोस्ती की निशानी भी है।
आइए जानते हैं इसका इतिहास
दरअसल, 1960-70 के दशक में भारत ने रूस के सहयोग से ऋषिकेश में आइडीपीएल फैक्ट्री की स्थापना की थी। इसके साथ रूसी इंजीनियरों ने यहां सीवरेज प्रबंधन, जलापूर्ति व यातायात प्रबंधन के लिए भी विशेष प्रणाली विकसित की थी। जिसमें बायो ट्रीटमेंट प्लांट भी शामिल था। क्षेत्रवासियों की मांग है कि यह ऐतिहासिक प्लांट को नमामि गंगे मिशन में शामिल हो, ताकि इसे धरोहर को बर्बाद होने से बचाया जा सके।